“My Experience of Solapur Maharashtra Gospel Camp” [Jan 2021] by brother Arvind Kumar (English, Hindi, Korean)

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Brother Arvind Kumar _ New Delhi, India

My name is Arvind. Just as John 3:16 speaks, God has led me to believe the love of God through the Delhi Gospel Camp in December 2018 that was ministered by PT. On the same day (when the Gospel Camp ended), I promised myself that I would take the gospel to the end of India and the earth. To do that, I attended all the Gospel Camp meetings after that day. Since I had an upbringing from a typical Indian family and had only a 7th-grade level of education, I wanted to learn much about the gospel by attending the Gospel Camps. 

One day, I have got a call after prayer. And it was from pastor Abhijeet whom I knew well. Upon his request for the Gospel Camp, I found myself pondering whether I could share the gospel at the meeting as a speaker. And he said, “you should speak, you should speak.” And this caused me to think about it seriously after talking with him over the phone. 

And then, suddenly, I was touched by the Holy Spirit. And I have heard a voice that says in my heart, “Arvind, haven’t you attended and participate in so many Gospel Camps already? And now, it is your turn to go and serve them.” Although I could not understand fully, I have called Pastor Abhijeet the next day in the morning and said, “Prepare all your people, I will come and serve the LORD in Gospel Camp. 

After that happened, I have asked Pastor Abhijeet to share the details of the entire budget for the meeting and requested him to prepare the meeting. When we agreed to launch the Gospel Camp meeting, we come up with the meeting date from the 5th to the 7th of January 2021. Then, PT has helped us with making the poster. And finally, everything was ready to go. 

Brother Sunil Babu and I departed Delhi to Solapur the day before the meeting. And we have arrived at Pune Airport at 3:30 a.m. And from there we left for Solapur where the Gospel Camp venue was. At last, we arrived at the venue at 9:30 a.m. I have prayed a lot for the Gospel Camp because I knew that it was not going to easy for me to share the gospel. However, I knew God was with me and that he would work through me. With having the same faith, I have started sharing the gospel. 

During those three days, I have learned how God used me. When I have begun to share the lectures of the gospel, I was able to see the love of God in the eyes of the people sitting there whom God has called to the meeting. In the meantime, Pastor Abhijeet took the feedback from the people regarding the camp, and then, he said that people were still living in darkness despite being called as believers.

Pastor Abhijeet and I thank God with all our heart that He sent us to Solapur. God reminded me of the story of those Four Lepers in the Bible once again. If we did not tell, people would have been still starving. Suddenly, this realization made me weep to a point where I could not stop crying. People were wondering why I was crying. And I have told them that it was the love of God for them and that I was there to share the true gospel with them. 

During those three days, I have realized that there are so many people in this world who are hungry for the Word of God. And sadly, there are just a few who are willing to share the gospel. From this, I thank God that He has chosen me as one of those few workers who could participate in His ministry. Lastly, I want to thank the LORD for everything. Also, I want to thank PT for teaching me the gospel and for allowing me to serve the LORD in this Gospel camp.

Praise the LORD!

Brother Arvind Kumar

सोलापुर महाराष्ट्रा गोस्पल कैंप का अनुभव I

मेरा नाम अरविंद है, मैं विश्वास तो पहले से ही  करता था और परमेश्वर का प्रेम सिर्फ JOHN 3 :16  में  दिया गया  है, बस इतना ही पता था I साल~ 2018 दिसंबर में  Missionary  के द्वारा गोस्पल कैंप दिल्ली में हुआ I तब मैंने भी उस गोस्पल कैंप में हिस्सा लिया और 5 दिन का कैंप था I उन 5 दिन के दौरान मैं परमेश्वर के प्रेम और सच्चे सुसमाचार को समझ पाया I और मैंने अपने सारे गुनाहों को परमेश्वर के सामने अंगीकार किया उसी दिन मैंने एक और अपने आप से वादा किया कि इस सुसमाचार को मैं पूरी इंडिया  और पृथ्वी के छोर तक लेकर जाऊंगा I उस दिन के बाद जितने भी गोस्पल कैंप Missionary  के द्वारा हुए वह सारे मैंने अटेंड किए I क्योंकि मैं सीखना चाहता था क्योंकि मैं पढ़ाई के मामले में ज्यादा नहीं हूं केवल 7th पास और हिंदी मीडियम से हूं I  मैं अपने परिवार के साथ हर रोज की तरह प्रार्थना कर रहा था तभी प्रार्थना समाप्त होने के बाद मेरे पास एक फोन आया कि भाई मुझे आपसे बात करनी है I  क्योंकि वह मुझे जानते थे उनका नाम पास्टर अभिजीत हैI कि मैंने किसी को गोस्पेल कैंप के लिए फोन किया था लेकिन कोई जवाब नहीं आया I  मैंने बोला ठीक है मैं बात करके बताता हूं और मैं उनसे बात करने के बाद इसके बारे में सोच ही रहा था कि अचानक से मुझे पवित्र आत्मा ने छुआ और मुझे एक आवाज सुनाई दी I  कि अरविंद तूने इतने कैंप में हिस्सा लिया है और अब तुझे वहां जाना है I  उस वक्त तो मैं समझ नहीं पाया फिर मैंने अगले दिन सुबह को भाई अभिजीत को फोन किया और कहा कि आप सभी लोगों को तैयार करो मैं आकर गोस्पल कैंप करूंगा और मैंने उनसे वहां का पूरा बजट का डिटेल बता देने के लिए कहा I और फिर मैंने Missionary  से बात किया और उन्होंने मुझे जाने के लिए बोला और फिर हमने 5 से 7 जनवरी 2021 का दिन तैयार किया और Missionary  को बताया फिर उन्होंने पोस्टर बनाया और सब कुछ तैयार था I और फिर देखते ही देखते वह दिन  आ गया और मैं और भाई सुनील बाबू दिल्ली से सोलापुर जाने के  लिए  रवाना हुए I हम वहां पर रात में 11:30 बजे पहुंचे और सुबह 9:30 बजे हम गोस्पल कैंप के पते पर पहुंचे I मैंने इस कैंप के बारे में बहुत प्रार्थना किया था क्योंकि यह कैंप की स्टडी बताना आसान नहीं है I  लेकिन मुझे पता था कि परमेश्वर मेरे साथ है और उसी विश्वास के साथ मैंने शुरू किया I  और उन 3 दिनों में  मैंने यह जाना कि परमेश्वर ने मुझे किस जगह पर इस्तेमाल किया, जब मैं गोस्पल कैंप के पाठ पढ़ा रहा था तब मैंने वहां बैठे लोगों की आंखों में परमेश्वर के उस प्रेम को देखा I  जिसके लिए परमेश्वर ने उनको बुलाया था I  इसी बीच पास्टर अभिजीत ने लोगों से फीडबैक लिया इस कैंप के बारे में तब उन्होंने बताया कि हम विश्वासी होने के बावजूद भी अभी तक अंधकार में ही जी रहे थे I  परमेश्वर के सच्चे सुसमाचार ने हमारी आंखों को खोल दिया और आप नहीं आते तो हम और भी कितने पाप करते और परमेश्वर के प्रेम को नहीं समझ पाते I हम अपने पूरे दिल से परमेश्वर का धन्यवाद करते हैं कि उसने आपको यहां भेजा I  और फिर मुझे उस वक्त फिर से बाइबिल में उन चार कोढ़ियों की कहानी याद आ गई I की अगर हम नहीं बताएंगे तो लोग भूखे मरजाएंगे I और मैं बहुत तेज-तेज रोने लगा मेरी आंखों से आंसू नहीं रुक रहे थे वहां पर सभी लोगों ने पूछा कि क्या हुआ मैंने कहा यही परमेश्वर का प्रेम और सच्चा सुसमाचार है कि उसने मुझे आपके पास भेजा I मैंने  उन तीन दिनों के दौरान यह महसूस किया की सच में इस संसार में लोग परमेशवर के वचन के भूखे हैं और कोई बताने वाला नही I मैं परमेश्वर का धन्यवाद करता हूं कि उसने मुझे चुना अपने कार्य के लिए I Thanks “LORD” और मैं Missionary  का भी धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने यह गोस्पल कैंप सिखाया और दिया I

 जय मसीह की

복음캠프 후기 [인도 마하라슈트라 주 솔라뿌르 시]

제 이름은 아르빈드입니다. 2018년 12월에 인도 델리에서PT 선교사님이 섬겼던 복음캠프를 통해 하나님은 저를 요한복음 3장 16절의 말씀과 같이 하나님의 사랑을 알게하시고 믿게 하셨습니다. 복음캠프가 끝났을 때, 그날 저는 인도와 세상의 땅끝까지 복음을 선포하겠다고 다짐했습니다. 이를 위해서 저는 그 날 이후에 모든 복음캠프 모임에 참석하게 되었습니다. 저는 전형적인 인도 가정에서 양육을 받았고 불과 7학년 정도의 교육을 받은 것이 전부였기에 때문에 복음캠프를 가능한 자주  참석하여 복음에 대해 더 많은 것을 배우고 싶었습니다.

어느 날, 기도를 마친 후 전화가 걸려왔습니다. 그리고 제가 잘 아는 것은 아비지트 목사님에게서 온 것이였습니다. 그는 저에게 복음캠프를 요청하였고 그 순간 저는 복음캠프에서 복음강사로서 복음을 나눌 수 있을지를 고민하게 되었습니다. 그리고 통화 중에 아비지트 목사님은 이렇게 저에게 말했습니다.  “강사로 섬겨주세요! 강사로 섬겨주세요!” 그리고 그 전화통화 이후로 저는 심각하게 고민하게 되었습니다.

그러던 중 저는 성령님의 감동을 받게 되었습니다. “아르빈드, 이미 너는 많은 복음캠프에 참석하지 않았니? 지금은 네가 가서 그들을 섬겨야 할 그 시기란다.” 저는 이 감동케 하심을 완전히 이해할 수 없었지만, 다음 날 아침에 저는 아비지트 목사에게 전화를 걸어 “모든 사람들을 준비시키세요. 제가 가서 복음캠프로 주님을 섬기겠습니다.”라고 말하였습니다.

그런 일이 일어난 후, 저는 아비지트 목사님에게 복음캠프에 대한 전체 예산의 세부 사항을 의논하고 모임을 준비하도록 요청드렸습니다. 복음캠프 모임을 시작하기로 마음을 같이 했을 때 저희들은 2021년 1월 5일부터 7일까지의 모임 날짜를 확정하게 되었습니다. 그리고 이를 위해서 PT 선교사님은 포스터 제작에 도움을 주었습니다. 그리고 모든 준비 사항들이 진행되고 저희는 떠날 준비가 되었습니다.

수닐 바부 형제님과 저는 복음캠프 모임 전날 뉴델리를 떠나 솔라푸르로 향했습니다. 그리고 저희는 뿌네 공항에 새벽 3:30에 도착하게 되었고 거기에서 또 복음캠프 장소가 있는 솔라뿌르시로 차를 타고 떠났습니다. 마침내 저희는 당일 오전 9시 30분에 모임 장소에 도착하였습니다. 제 스스로가 복음강의를 섬기는 것이 결코 쉽지 않다는 것을 알았기에 주님은 제게 복음캠프를 위해 많은 기도를 하게 하셨습니다. 저는 하나님께서 저와 함께 하시고 주님이 저를 통해 일하시는 것을 알았습니다. 이와 같은 믿음을 가지고 복음을 나누기 시작했습니다.

그 사흘 동안 저는 하나님께서 저를 어떻게 사용하셨는지를 배웠습니다. 복음강의를 나누기 시작했을 때, 저는 그곳에 하나님께서 부르신 사람들의 눈 속에서 하나님의 사랑을 볼 수 있었습니다. 한편, 아비지트 목사님은 모임에 대한 사람들의 피드백을 제게 주었고 그 목사님은 그곳에 모인이들이성도로 부름받았음에도 불구하고 여전히 어둠 속에 살고 있었다고 말해주었습니다.

아비지트 목사님과 저는 하나님께서 저희들을 솔라푸르로 보내셨다는 그 사실에 저희 모두 온 마음을 다해 하나님께 감사드립니다. 하나님은 다시 한번 성경에 있는 네 명의 나병환자들의 이야기(왕하 7장)를 상기시켜 주셨습니다. 우리가 복음을 선포하지 않았다면 많은 이들이 여전히 굶주리고 있었을 것입니다. 갑자기 이 깨달음은 받고 저는 울음을 멈출 수 없었습니다. 사람들은 제가 왜 울고 있는지 궁금해 했습니다. 그리고 저는 그들에게 이 하나님의 본심이 그들을 향한 하나님의 사랑이며 이 참된 복음을 그들과 나누기 위해 그곳에 있었다고 말했습니다.

그 사흘 동안, 저는 이 세상에 하나님의 말씀을 갈망하는 사람들이 너무나 많다는 것을 깨달았습니다. 슬프게도 복음을 기꺼이 나누는 사람은 소수임을 보게 하셨습니다. 주님의 사역에 동참할 수 있는 몇 안되는 일꾼 중 한 명으로 저를 선택해 주신 주님께 감사를 드립니다. 마지막으로, 이 모든 것에 대해 주님께 감사를 드립니다. 또한 저에게 복음을 나눠주시고 이번 복음 캠프에서 주님을 섬길 수 있게 도움을 준 선교사님께도 감사드립니다.

주님을 찬양하라!

아빈드 쿠마르 형제


Bangalore, Karnataka, India [March 2021] Gospel Camp

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